संबंधों को पारदर्शी रखने का एक सरल तरीका है . प्रत्येक संबंध का एक नियत लक्ष्य होता हैं . आप एक एक संबन्ध से क्या
चातुर्मास प्रवचन – 13
धर्म का असंतोष अध्यात्म की सब से बडी ताकत है . आप जो भी धर्म कर रहे है उससे दसगुना अधिक धर्म आप कर सकते
चातुर्मास प्रवचन – 12
अंदर की कमज़ोर वृत्तियो को घिसने से धर्म होता है . बाहरी क्रियाए और तपस्याए अंदर की वृत्तियो को बदलने के लिए करनी होती है
चातुर्मास प्रवचन – 11
आप के मन का विचार शुभ होना चाहिए . अन्य के प्रति अशुभ भाव नहीं रखना चाहिए . विचार के तरंग बड़े प्रभावशाली होते है
चातुर्मास प्रवचन – 10
जीवन का अंतिम दिन सुंदर हो ऐसा सपना सज लो . आप रोज रोज इसे बड़े सपने की तरह मन में लाओ . मौत के
चातुर्मास प्रवचन – 9
किसी अच्छे काम को रूकने मत दो . वो काम पवित्र है . उसे चलने दो . जो अच्छा काम करता है उसे साथ दो
चातुर्मास प्रवचन – 8
धर्म के लिए तैयारी करनी चाहिए . एक तैयारी भावनात्मक होती है . एक तैयारी भौतिक होती है . अपने मन को कुछ ऊँचे और
चातुर्मासप्रवचन – 7
धर्म की चार विधा है . दानधर्म , जिसमें अपनी सम्पत्ति को शुभ कार्य में लगाई जाती है . शीलधर्म , जिसमें उपलब्ध भौतिक सुख
चातुर्मास प्रवचन – 6
दो सद् गुण जीवन को अनुशासित बनाते है . सन्तोष और समर्पण . आप को जो मिला है वह महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी है ऐसे आत्मविश्वास
चातुर्मास प्रवचन – 5
आप को जो कुछ मिला है वह अन्य लाखो लोगो को नही मिला है . आप को जो मिला वह साधारण नही है . आप