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देवर्द्धि शब्द जैन आगमसूत्रों में मिलता है . उच्च पुण्य , उत्कृष्ट प्रभाव , अलौकिक अतिशय , सर्वश्रेष्ठ तेजस्विता को देवर्द्धि कहा जाता है .
इतिहास में श्री देवर्द्धि गणि क्षमाश्रमण का नाम अमर है . भगवान् श्री महावीर प्रभु के मोक्ष गमन के बाद ९८० साल तक , जैन आगम ग्रंथ केवल मौखिक रूप में उपलब्ध थें . श्री देवर्द्धि गणि क्षमाश्रमण ने ,  जैन आगम ग्रंथों को सर्वप्रथम बार लिखित रूप दिया था .  श्री देवर्द्धि गणि क्षमाश्रमण ने , अपने समय में –  चतुर्विध संघ को मार्ग दर्शन देकर इस महाभगीरथ कार्य को वल्लभी पुर में साकार किया था . जब तक जैन शासन रहेगा , श्री देवर्द्धि गणि क्षमाश्रमण का नाम इतिहास पुरुष के रूप में अमर रहेगा . प्रभु महावीर – च्यवन कल्याणक के द्वारा महामाता देवानंदाजी की कुक्षि में पधारें उसके बाद जिस हरिनिगमेषी देव ने प्रभु को श्री त्रिशला माता जी की कुक्षि में स्थापित किया था वोही    हरिनिगमेषी देव आगामी जन्म में मनुष्य का अवतार लेकर श्री देवर्द्धि गणि क्षमाश्रमण बना था . देवर्द्धि शब्द , तेज और आभा का प्रतीक है . देवर्द्धि शब्द सर्वोच्च शासन सेवा का प्रतीक है . देवर्द्धि शब्द महान् प्रभुभक्ति का प्रतीक है .
ऐसे पवित्र शब्द की छाया में रहकर श्री देवर्धि  साहेब , विविध भाषाओं में जो भी लिखते हैं उसका स्वाध्याय आप devardhi.com में कर सकते हैं .नागपुर , पूना  , मुंबई , अमदावाद एवं वाराणसी के गुरुभक्तों के द्वारा इसका संचालन हो रहा है ।
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देवर्धि परिषद् ग्रंथमाला

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।। रत्न स्तंभ ।।
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+ श्री अजितनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ – नागपुर
( वि.सं.२०७२ चातुर्मास स्मृति )
+ श्री सुमतिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ , रामदास पेठ – नागपुर
( वि.सं.२०७६ चातुर्मास स्मृति )
+ श्री संभवनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ , वर्धमाननगर – नागपुर
( वि.सं.२०७६ चातुर्मास स्मृति )
+ श्री चंद्रप्रभस्वामी जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक तीर्थ – वर्धा
( वि.सं.२०७३ चातुर्मास स्मृति )
+ श्री सुमतिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ – यवतमाल
( वि.सं.२०७४ चातुर्मास स्मृति )
+ श्री गौतमराज जैन श्वेतांबर संघ , पारडी – नागपुर
( वि.सं.२०७१ चातुर्मास स्मृति )
+ श्री वर्धमान महावीर जैन रीलिजियस ट्रस्ट – मुंबई ( श्री नंदप्रभा परिवार ) 
+ श्री शांति कनक श्रमणोपासक ट्रस्ट – सुरत
+ श्री उवसग्गहरं पार्श्वनाथ तीर्थ , नगपुरा , छत्तीसगढ़
( वि.सं. २०७७ चातुर्मास स्मृति ) 

 

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।। आधार स्तंभ ।।
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+ श्री गणेशमल धरमचंदजी जैन – नागपुर
+ श्री नैनाबेन राजेशभाई शाह – नागपुर  
+ श्री सुशीलाबेन रमणिकलाल वोरा परिवार – नागपुर 
+ श्री प्रभावतीबेन भोगीलाल रायचंद दोशी परिवार – नागपुर
+ श्री विजयाबेन सौभागचंदजी सावड़िया – नागपुर
+ श्रीमती शांतिदेवी देवराजजी बाफना परिवार – हस्ते   सुरेशभाई बाफना – नागपुर
+ श्री मोहितभाई सांकळचंद महेता – नागपुर
+ श्री हितेशभाई जयंतीलाल शाह – नागपुर
+ श्री राजेंद्रभाई अमृतलाल शाह – नागपुर 
+ श्री सामायिक मंडल – नागपुर
+ श्री राजुलबेन मनोजभाई शाह – नागपुर 
+ श्री सुषमाबेन निखिलभाई कुसुमगर / श्री रसीलाबेन कुसुमगर परिवार – नागपुर
+ श्री कुंदनबेन नवनीतभाई शेठ परिवार – नागपुर
+ श्री समृद्धि – लब्धि सुमित दुग्गड़ परिवार – नागपुर
+ श्री उज्ज्वलाबेन अनिलकुमार  गांधी – गौरव / राजेन्द्र , नागपुर
+ श्रीमती पवनबाई संचेती हस्ते श्री प्रतिभाबेन राजेन्द्रकुमार संचेती – नागपुर
+ श्री नीरूबेन किरणभाई वोरा / सुरूचिबेन विपुल वोरा ,- नागपुर
+ श्री रीटाबेन वीरेनभाई शाह – संकेत / शुभम् – नागपुर
+ श्री हेतलबेन किरीटभाई बौआ परिवार – नागपुर
+ श्री हिनाबेन दीपकभाई कामदार / श्री काजलबेन रोहितभाई कामदार – नागपुर
+ श्री अयांश जैन , हस्ते जिनलबेन अनुजभाई जैन – जबलपुर
+ श्री अस्मिताबेन जयेशभाई कापडी – हर्ष , सौरभ –  रायपुर
+ श्री मनसुखलाल फूलचंद शाह परिवार – वलसाड 
+ श्री करुणाबेन सचिनभाई कोठारी – करण , लब्धि – यवतमाल 
+ श्री बीनाबेन जनकभाई लालन – पूना 
+ श्री अरूणाबेन चंद्रकांतभाई सावडिया – जितेन्द्रभाई , मनीषभाई  
+ श्री कल्याण मित्र परिवार – नागपुर 
+ श्री पिंकी राजेशभाई महेता – नागपुर / वीस स्थानक तप की अनुमोदनार्थ
+ श्रीमती ऊषादेवी सुरेशजी बागमार – रायपुर ( केशकाल )
+ श्रीमती चुकीदेवी मांगीलालजी हस्ते पुखराज दुगड़ – साजा
+ श्रीमती जसोदाबेन दासमल शेषमल पोरवाल – मुंबई
+ श्रीमती सोवनबेन पारसमल सांकरिया – मुंबई
+ श्रीमती कमलाबेन मनीषकुमार दयालपुरा – मुंबई
+ श्री चंदूलाल केेशरीमल – साबरमती अहमदाबाद
+ ममता – तनिषा – छवि छाजेड़ – खैरागढ़
+ अरूणाबेन मफतलाल शाह – अहमदाबाद
+ श्री पारसमलजी जीवनचंदजी बैद – राजनांदगांव

 

 

 

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