Press ESC to close

पितृवंदना ( ४ गीत )

१ . पितानी कृपा

प्रभुनी कृपाथी पिता सांपडे पितानी कृपाथी प्रभु सांपडे
पिता छत्रछाया छे परिवारनी पिताजी खरेखर जीवनने घडे

पिताए जे दुनियाने जोई छे ते कदी कोई माताए जोई नथी
परीक्षाओ दुनिया तो लेती रहे , पिताजीए हिंमतने खोई नथी
घरे सौने खुशहाल राखे पिता , ने चुपचाप दुनियानी साथे लडे.१
एने बाळपणमां न जे जे मळ्युं ए बद्धुं अपावे ए संतानने
करी कैंक संघर्ष ऊभा रहे , न तूटवा ए घरनां सन्मानने
एनो प्रेम माताथीये छे महान् , भले एनी आंखे ना आंसु पडे.२
ए वातो करे तोये समजवा मळे ए बोले नहीं तोये शीखवा मळे
ए आपे ते देखाय ओछुं भले , एनुं आपेलुं ओछुं कदी ना पडे
जेने मारी माता करे छे नमन , ए पितानी कोई जोड नहीं रे जडे.३

_____________________

२ . प्रेम छत्र अविनाश

मारी ऊपर रहे पितानुं प्रेम छत्र अविनाश
धरती उपर जे रीते फेलायुं छे आकाश

ए माळी थईने मारामां एक बगीचो बनावे छे
प्रेमनुं पाणी वरसावीने फूल घणां नीपजावे छे
मारी पर मारा करतां होय एमने वधु विश्वास
एमनो ए विश्वास जोईने जागे मन उल्लास
मारी उपर …. १
जवाब पहेलां समजावे छे , प्रश्न पछी ए पूछे छे
आंखोमा आंसु आवे ते पहेलां एने लूंछे छे
खोबे खोबे अमरत पाई , बुझवे मारी प्यास
हुं ज्यां अटकुं त्यां आवीने आपे मने प्रकाश
मारी उपर ….२
जीवन नामे ग्रंथ छे एना अगणित छे अध्याय
पिता बने छे गुरु तो जीवन समजवुं सहेलुं
सेवा करतां रहीए एनी जनम जनम थई दास
तोय ऋण चुकवाय नहीं एवी छे एनी सुवास
मारी उपर …. ३

___________________________

३ . कही गया मारा पिता

दुःख जे मनमां उठे ते कोईने कहेवुं नहीं
कही गया मारा पिता के लागणीमां वहेवुं नहीं

आवे कोइ जाय कोइ जिंदगीनो क्रम छे आ
सौ सदा साथे ज रहेशे सौथी मोटो भ्रम छे आ
कोइना आधार पर अटकीने रहेवुं नहीं
कही गया मारा पिता के.१
ए ज वातो याद करजो जेनाथी खुशीओ मळे
ए वातो ना याद करजो जेनाथी हैयुं बळे
हसतां हसतां सही लेवुं के रोईने सहेवुं नहीं
कही गया मारा पिता के. २
एमणे जीवन दीधुं भणतर दीधुं समजण दीधी
आतमाने काम लागे एवी मंगल क्षण दीधी
एमने समर्या विना जळ अन्न मुख ग्रहवुं नहीं
कही गया मारा पिता के .३

_____________________

४ . तेरी खुशबू

तेरी खुशबू तेरा अहसास तेरा ही नाम रहा
जहां जहां भी रहा तूं तेरा दमाम रहा .१
इक तरफ मैं हूँ कि मुझे तेरा बहोत ही काम रहा
इक तरफ तूं है कि तुझे मेरा न कोई काम रहा .२
तेरी दुनिया में तुझे मैं न कुछ भी काम आया
मेरी दुनिया पे तो तेरा साया सुबह शाम रहा .३
अपनी नज़रों से मुझे देखा तूंने जब जब भी
तेरी आँखों में तेरा प्यार तब तमाम रहा .४
तेरी आवाज़ से मेरा नाम बोलता था तूं
मेरे लिए तो वोही सबसे बड़ा ईनाम रहा .५
मुझे बचपन से संवारा है मेरे पिता तूंने
इसी लिए तो आज तक मुझे आराम रहा .६
तूं ही है देव तूं ही ऋद्धि तूं ही है सब कुछ
जनम जनम से देवर्धि का तुजे प्रणाम रहा .७

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *