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हम आज जिंदा हैं यही सबसे बड़ा चमत्कार है

तनाव मुक्ति के उपाय – १

श्री संभवनाथ जैन श्वेतांबर संघ , वर्धमान नगर – नागपुर में चातुर्मास बिराजमान पूज्य मुनिराज श्री प्रशमरतिविजयजी म. ने आज सीमित श्रोताजनों के समक्ष कहा कि 

जो परीक्षा का सामना नहीं करता है वह हंमेशा कमज़ोर रह जाता है . समस्याएं हमें मज़बूत बनाने के लिए आती हैं . पिछ्ले चार महीनों से हमने जो संकट देखे हैं उसके चलते यह बहोत जरूरी हो गया है कि हम नए रूप में उभर कर आएं . हमें अपने तनाव को समझ लेना चाहिए . दो बातें स्पष्ट होनी चाहिए . एक , मुझे तनाव रहता है . दो , मेरा तनाव मिट सकता है . अहंकार वश आदमी कबूल नहीं करेगा कि मुझे तनाव है . आज के समय में अगर कोइ कहे कि मुझे तनाव नहीं है तो समझ लो वह झूठ बोल रहा है . तनाव से मुक्त वही होगा जो सच्चाई का स्वीकार करेगा . जो तनाव को छिपायेगा वह तनाव से टूट जाएगा . हम अकेले अकेले अपने तनाव को मिटा नहीं सकते हैं . उर्जावान् लोगों से बातें करने से तनाव में कमी आ सकती है . हम जिससे बात करते हैं वो स्वयं तनाव से ग्रस्त हो ऐसी परिस्थिति में तनाव मुक्त होना कठिन हो जाता है .
आज के जीवन में जो अच्छा है , श्रेष्ठ है उसे देखकर खुश होते रहिये . पिछले तीन महीनों में हमें कुछ तकलीफ हुई नहीं है . हम डरते रहे कि मुझे कुछ हो जाएगा . और सच्चाई यही है कि हमे आजतक कुछ हुआ नहीं है . हम आज जिंदा हैं यही सबसे बड़ा चमत्कार है . हमारा जिंदा होना ही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है .
किसी के साथ कुछ भी हो सकता था , हुआ भी . परंतु हम निर्विघ्न जिंदगी जी रहे हैं . इस बात को लेकर खुशी महसूस कीजिये . आप मनुष्य गति में है , यह खुशी की बात है . आप धर्मक्रिया में सक्रिय है , यह खुशी की बात है . आप देव गुरु की सेवा कर पाते है , यह खुशी की बात है . अपने जीवन में जो भी खुश होने लायक परिस्थितिया है उन्हें बार बार याद कीजिए और उसकी प्रसन्नता महसूस कीजिये . तनाव कम करने में इससे बड़ी सहाय मिलेगी . तनाव आत्मविश्वास को तोड़ता है . प्रसन्नता आत्मविश्वास को बढ़ाती है . ( आषाढ  सुदी चौदस )

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