जैन सिलेबस : दर्शन आचार . ७ : वात्सल्य

वात्सल्य का अर्थ है आत्मीयता . सभी धर्मात्माओं के प्रति आत्मीयता रखनी चाहिए . तीन…

जैन सिलेबस : दर्शन आचार . ६ : स्थिरी करण

जो देव गुरु धर्म से दूर हो चुके हैं उन्हें देव गुरु धर्म के साथ…

जैन सिलेबस : दर्शन आचार . ५ : उपबृंहणा

जो भी धर्मात्मा होते हैं उन के धर्म की प्रशंसा करनी चाहिए . जो भी…

जैन सिलेबस : दर्शन आचार . ४ : अमूढ दृष्टि भाव

अमूढ दृष्टि अर्थात् श्रद्धा की स्थिरता . मूढ दृष्टि अर्थात् श्रद्धा की अस्थिरता . स्व…

रामायण चिंतन ( वर्धा प्रवचन )

१ . शबरी शबरी को मिलने श्री राम शबरी के आंगन आये यह छोटी घटना…