१ . च्यवन कल्याणक
( मैया यशोदा )
जय त्रिशला माता तूं भाग्य विधाता
दुनिया गाती है तेरी यश गाथा
चौद सुपन देखे तूंने च्यवन कल्याणक में
प्रभु वीर की मैया तूं बनेगी प्रभु वीर की मैया
पहले सुपन में देखा था गजवर
दूसरे सुपन में वृषभ सुंदर
तीसरे सुपन में केसरी सिंह
चौथे सुपन में लक्ष्मी मनोहर
पंचम सुपन में फूलों की माला ( २ )
छट्ठे सुपन में चंद्र विशाला
सातमे सुपन में सूरज को देखा है
प्रभु वीर की मैया तूं बनेगी . १
अष्टम सुपन में देखा महाध्वज
नवम सुपन में कुंभ सुदर्शन
दशम सुपन में पद्म सरोवर
एकादश सुपन में रत्नाकर पावन
द्वादश सुपन में देव विमान ( २ )
त्रयोदश सुपन में रत्न का राशि
चतुर्दश सुपन में निर्धूम अग्नि महान
प्रभु वीर की मैया तूं बनेगी .२
ऊँचा ऊँचा सपना जिसने सजाया
उस ने ही कुछ काम करके दिखाया
तीर्थंकर माता को सपने ये आतें
भाग्य जगातें ये पुण्य जगातें
महारानी हरखे देवर्धि जागे( २ )
सिद्धारथ राजा रोमांचित लागे
आषाढ़ सुद छठ कल्याण कारी है
प्रभु वीर की मैया तूं बनेगी . ३
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२ . जन्म कल्याणक
( मारा हिवड़ा में नाचे मोर )
प्रभु जनम हुआ है आज सब खुशिया मनाएं
छप्पन दिशिकुमरी आएं सब खुशिया मनाएं
चैत्र सुदी तेरस का शुभ दिन जन्म कल्याणक गाएं
प्रभु जनम हुआ है आज सब खुशिया मनाएं
छप्पन दिशिकुमरी आए सब खुशिया मनाएं
आठ दिशा कुमारी आती है संवर्त पवन को लाती है..
आठ दिशा कुमारी आती है और सुगंधी जल बरसाती है
आठ दिशा कुमारी आती है हाथ में कलशा लाएं
प्रभु जनम हुआ है आज.१
आठ दिशा कुमारी आती है सुन्दर दरपन ले आती है
आठ दिशा कुमारी आती हैं मनहारी चामर झुलाती हैं
आठ दिशा कुमारी आती है हाथ में पंखा सजाएं
प्रभु जनम हुआ है आज.२
चार दिशा कुमारी आती है रक्षा को धारण करती है
चार दिशा कुमारी आती है मंगल दीपक को जलाती है
माता पुत्र को केली घर में भक्ति से ले आये
प्रभु जनम हुआ है आज सब खुशिया मनाएं . ३
प्रभु भक्ति उत्तम अवसर सद् भाग्य से ही मिल पाता है
जो भक्ति में डूबे उसका ही बेड़ा पार हो जाता है
तीर्थंकर महिमा अनूठी देवर्धि मन भाए ..
प्रभु जनम हुआ है आज सब खुशिया मनाएं . ४
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३ . दीक्षा कल्याणक
( घूंघट में चाँद होगा )
आनंद का अवसर आया दीक्षा कल्याणक
कार्तिक वद दशमी दीक्षा कल्याणक
आनंद का अवसर आया दीक्षा कल्याणक
कार्तिक वद दशमी दीक्षा कल्याणक
( छेड़ेगी शहनाई )
साचा है साहेब ये साचा साहेब है साचा है साहेब ये साचा साहेब है
आनंद का अवसर आया दीक्षा कल्याणक
कार्तिक वद दशमी दीक्षा कल्याणक . १
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सिंह सी चाल है सूर्य सा तेज है
मेरे महावीरजी महान है
चंदन सी वाणी है चाँद सी आँख है
दरिया जैसा महा ज्ञान है
उसको जो देखे वो पावन हो जाए
उसको जो देखे वो पावन हो जाए
आनंद का अवसर आया दीक्षा कल्याणक . २
( बोले चूड़ी कंगना )
दुनिया के तारणहार महावीर जी दीक्षा स्वीकारे
धर्म के साक्षात् अवतार महावीर जी दीक्षा स्वीकारे
दुनिया के तारणहार महावीर जी दीक्षा स्वीकारे
धर्म के साक्षात् अवतार महावीर जी दीक्षा स्वीकारे
दूर हुए राग से वो जुड़ गए त्याग से
दूर हुए राग से वो जुड़ गए त्याग से
दुनिया के तारणहार महावीर जी दीक्षा स्वीकारे
धर्म के साक्षात् अवतार महावीर जी दीक्षा स्वीकारे . ३
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( आज तूं थाम ले )
पंच महाव्रत पालन होगा आत्मा का अनुशासन होगा
पंच महाव्रत पालन होगा आत्मा का अनुशासन होगा
छोड़ सभी शणगार प्रभु बने अणगार
दुनिया के तारणहार महावीर जी दीक्षा स्वीकारे
धर्म के साक्षात् अवतार महावीर जी दीक्षा स्वीकारे . ४
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( घूंघट में )
आनंद का अवसर आया दीक्षा कल्याणक…
कारतक वदी दशमी दीक्षा कल्याणक ….
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( बोले चूड़ी )
दुनिया के तारणहार महावीर जी दीक्षा स्वीकारे ….
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४ . केवलज्ञान कल्याणक
( धिक् ताना )
सुंदर सुंदर जिनराया मेरे सुंदर सुंदर जिनराया
केवलज्ञान प्रभु ने पाया
सुंदर सुंदर जिनराया मेरे सुंदर सुंदर जिनराया
घाती करम सब कट गये भेद और भरम सब कट गये
समवसरण देवों ने सजाया मालकौंस प्रभु ने गाया
मिली बार पर्षदा एकसाथ आनंद का अवसर आया
सुंदर सुंदर जिनराया मेरे सुंदर सुंदर जिनराया. १
वैशाख सुदी दशमी महान् ऋजुवालुका आये भगवान्
धारण किया था साहबने गोदोहिका आसन
शुभ ध्यान की मंगल धारा मोहनीय कर्म मिटाया
सुंदर सुंदर जिनराया मेरे सुंदर सुंदर जिनराया. २
प्रभु वाणी का जादू चला सभी जीव का हो गया भला
गुणकारी है सुखकारी है महावीर जी मनहारी है
देवर्धि को देखत देखत ऊंचा पुण्य कमाया
सुंदर सुंदर जिनराया मेरे सुंदर सुंदर जिनराया. ३
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५ . मोक्ष कल्याणक
( चाहा है तुझको )
वंदन तुझे वंदन वीतरागी भगवान
तूंने पाया है शुभ सिद्ध शिला का स्थान
तूं शाश्वत सुख स्वामी तूं निरमल निष्कामी
तूं संसार पार गामी तूं आतम विश्रामी
मोक्ष कल्याणक हुआ वो तो तेरी बात है
हम ने तुज को खोया उसका दिल में आघात है
वंदन तुझे वंदन वीतरागी भगवान
तूंने पाया है शुभ सिद्ध शिला का स्थान . १
तुज को जो देखे वो तेरा हो जाए
तुज को सुन ले वो साचा सुख पाए
तूं जाए तो जीवन पल पल सूना हो जाए
तेरी याद में रहना मुझे रास आ गया
तेरा जादू महावीर जी मेरे ऊपर छा गया
वंदन तुझे वंदन वीतरागी भगवान
तूंने पाया है शुभ सिद्ध शिला का स्थान . १
आसो अमावस की रात बनी भारी
तेरे बिन जीने की आ गयी है बारी
तूंही पूनम का चाँद है जिनवर आंख का तारा तूं
सूना-सूना लागे हम को ले लो अपने पास तुम
देवर्धि की ज्योत जला दो पूरो मेरी आस तुम
वंदन तुझे वंदन वीतरागी भगवान
तूंने पाया है शुभ सिद्ध शिला का स्थान . २
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Presented At Vasantrav Deshpande Hall , Nagpur
Jain Shvetambar Pashchim Nagpur Samaj
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