विनय का अर्थ है आदर की अभिव्यक्ति .
विनय का अर्थ है आदर पूर्ण अभिव्यक्ति .
उत्तम पुरुष एवं उपकारी जनों का विनय करना चाहिए .
तीन बातें याद रखें .
१ .
अपमान नहीं करना उसे भी विनय कहते है .
अनादर नहीं करना उसे भी विनय कहते है .
झगड़ा नहीं करना उसे भी विनय कहते है .
निंदा नहीं करना उसे भी विनय कहते है .
२ .
स्वागत के लिए खड़े हो जाना यह विनय है .
वंदन के लिए हाथ जोड़ना यह विनय है .
चरणों में मस्तक झुकाना यह विनय है .
उत्तम सामग्री अर्पित करना यह विनय है .
३ .
आदेश का पालन करना यह विनय है .
उपदेश का स्वीकार करना यह विनय है .
प्रशंसा और स्तवना करना यह विनय है .
उपकार याद करके अहोभावित होना यह विनय है .
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स्वाध्याय –
१ . विनय किसे कहते है ?
२ . विनय का प्रथम प्रकार क्यां है ?
३ . विनय का द्वितीय प्रकार क्यां है ?
४ . विनय का तृतीय प्रकार क्यां है ?
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