काय क्लेश अर्थात् शरीर को कष्ट देना .
अपनी सहन शक्ति के अनुसार शरीर को कष्ट देना चाहिए . शरीर को दुःख की आदत डालनी चाहिए . दुःख में मन प्रसन्न रहेना चााहिए .
तीन बातें हैं .
१ .
+ वाहन का उपयोग कम करके पैदल चलना चाहिए .
+ पैदल चलते वख़्त पैरों में चप्पल नहीं वापरनी चाहिए .
+ लिफ्ट का उपयोग छोड़कर अपने पैरों से चढ़ना उतरना चाहिए .
दिन में थोड़े समय के लिए ये तीनों नियम जरूर पालने चाहिए .
२ .
५ मिनिट के लिए , १० मिनिट के लिए , १५ मिनिट के लिए , ३० मिनिट के लिए या अधिक समय के लिए स्थिर मुद्रा से काउसग्ग करना चाहिए . दूसरे तरीके से कहे तो १० या १० से अधिक लोगस्स का काउसग्ग करना चाहिए .
३ .
सिर के बाल को हाथ से उखाड़कर निकालना , इसे केश लोच कहते है . जीवन में कम से कम एक बार लोच करवाना चाहिए . साधू साध्वी हर छह महीने में लोच करवाते हैं .
जैन सिलेबस : तप आचार . ५ : काय क्लेश
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