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जैन सिलेबस : चारित्र आचार . ४ : निक्षेपणा समिति

निक्षेपणा समिति जीवदया का पालन करने का तरीका सिखाती है . जो भी साधन सामग्री हम उपयोग में लेते है उन्हें उठाने में , रखने में , सरकाने में – जीव विराधना न हो उसकी सावधानी रखनी चाहिए . इस सावधानी को निक्षेपणा समिति कहते है .

तीन बातें याद रखो .
१ .
दृष्टि प्रतिलेखन करना चाहिए . अर्थात् हम जिस साधन सामग्री को वापरना चाहते हैं उसे ध्यान पूर्वक देख लेना चाहिए . अगर साधन सामग्री में छोटे बड़े जीव हो और वह दिख जाए तो उसकी विराधना से हम बच सकते हैं .
२ .
मुलायम पूंजणी से साधन सामग्री की प्रमार्जना करनी चाहिए . जो आँखों से दिखे न हो ऐसे जीव भी प्रमार्जना के कारण सुरक्षित बच जाते है .
३ .
बैठने से पूर्व भूमि की प्रमार्जना करनी चाहिए .
सोने से पूर्व भूमि की प्रमार्जना करनी चाहिए .
दरवाज़े खोलते वक्त या बंद करते वक्त दरवाज़े की प्रमार्जना करनी चाहिए .

स्वाध्याय –
१ . निक्षेपणा समिति किसे कहते है ?
२ . निक्षेपणा समिति का प्रथम प्रकार क्यां है ?
३ . निक्षेपणा समिति का द्वितीय प्रकार क्यां है ?
४ . निक्षेपणा समिति का तृतीय प्रकार क्यां है ?

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