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जैन सिलेबस : ज्ञान आचार . ४ : उपधान

 

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ज्ञान , महत्त्वपूर्ण विचार देता है .

ज्ञान , उपयोगी मार्गदर्शन देता है .

ज्ञान , आचार धर्म को दिखाता है .

ज्ञान , प्रभु के उपदेश को समझाता है .

ज्ञान , जीवन को सही रास्ते पर ले जाता है .

अत: ज्ञान के लिये तप करना जरूरी होता है .

ज्ञान के लिये तप करना उसे ही उपधान कहा जाता है .

तीन बातें याद रखनी चाहिए .

१ .

उपधान तप करने से धार्मिक ज्ञान उपार्जन का

विधिवत् अधिकार मिलता है . उपधान तीन होते हैं .

प्रथम उपधान     ४८      दिन का होता है .

द्वितीय उपधान    ३५    दिन का होता है .

तृतीय  उपधान   २८      दिन का होता है .

तीनों उपधान की आराधना करनी चाहिए .

२ .

ज्ञान पंचमी की तपस्या करनी चाहिए .

प्रत्येक मास की शुक्ल पंचमी के दिन उपवास

अथवा आंबेल अथवा एकासना करना चाहिए .

प्रत्येक मास की शुक्ल पंचमी के दिन

रात्रि भोजन का त्याग करना चाहिए .

३ .

जैसे दुकान पर वस्तुओं का मूल्य समझ कर

हम पैसा चुकाते हैं वैसे आत्म शुद्धि कारक ज्ञान को

सन्मान देने के लिए अलग से तप करते रहना चाहिए .

स्वाध्याय – 

१. उपधान किसे कहते है ?

२.  उपधान का प्रथम नियम क्यां है  ? 

३. उपधान का द्वितीय  नियम क्यां है  ? 

४. उपधान का तृतीय नियम क्यां है  ? 

 

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