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जैन सिलेबस : चारित्र आचार . ६ : मनो गुप्ति

मन को अशुभ विचारों से मुक्त रखना यह मनो गुप्ति है . इसका पूर्ण पालन साधु जीवन में संभवित है . 

तीन काम करने चाहिए मन के ऊपर .

१ .
मन में क्रोध जनित विचार न रहे .
मन में अहंकार जनित विचार न रहे .
मन में झूठ प्रपंच संबंधित विचार न रहे .
मन में स्वार्थ एवं लालच आधारित विचार न रहे .
२ .
मन में काम वासना संबंधी ईच्छा के विचार न रहे .
मन में काम वासना संबंधी स्मृति के विचार न हो .
मन में काम वासना संबंधी कल्पना के विचार न रहे .
३ .
मन में जिनवचन संबंधी तत्त्व चिंतन बना रहे .
मन में मोक्ष तत्त्व संबंधी शुभ चिंतन बना रहे .
मन में आत्म तत्त्व संबंधी पवित्र चिंतन बना रहे .

स्वाध्याय –
१ . मन गुप्ति किसे कहते है ?
२ . मन गुप्ति का प्रथम नियम क्यां है ?
३ . मन गुप्ति का द्वितीय नियम क्यां है ?
४ . मन गुप्ति का तृतीय नियम क्यां है ?

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