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कोई तुम्हारी श्रद्धा को तोडना चाहता है .

धर्म चिंतन - ४ 

कोई तुम्हारी श्रद्धा को तोडना चाहता है . तुम भगवान् को प्रेम करते हो वह उसे पसंद नहीं है . तुम गुरु भगवंतों को प्रेम करते हो वह उसे पसंद नहीं है . तुम धर्मक्रियाओं को प्रेम करते हो वह उसे पसंद नहीं है . तुम श्रद्धा रखते हो वह उसे पसंद नहीं है . तुम भारतीय संस्कार को प्रेम करते हो वह उसे पसंद नहीं है .

वो चाहता है कि तुम भगवान् से , गुरु भगवंतों से , धर्मक्रियाओं से , श्रद्धा से एवं भारतीय संस्कार से दूर हो जाओ . कौन है वह जो आप को धर्म से वंचित रखना चाहता है ?

वह एक सिस्टम है : मनोरंजन उद्योग का सिस्टम . मनोरंजन उद्योग को कुछ माफिया लोग चलाते हैं . ये माफिया लोग - भारतीय मंदिर मार्गी श्रद्धा को , भारतीय संस्कृति के आचार विचार को , भारतीय इतिहास के सत्यनिष्ठ तथ्यों को नफरत करते हैं .

ये माफिया लोग , ऐसी कहानी - ऐसे डायलोग्स - ऐसे गीत पेश करवाते हैं जिससे आप की अपनी श्रद्धा कमझोर होने लगें .

तुम ने तुम्हारे घर के ड्राइंगरूम में मनोरंजन की जो व्यवस्था फीट करके रखी है उसी के जरिए - तुम्हे भगवान् से दूर रखने की साजिश हो रही है , तुम्हे गुरु भगवंतों से दूर रखने की साजिश हो रही है , तुम्हे धर्मक्रियाओं से दूर रखने की साजिश हो रही है , तुम्हारी श्रद्धा को खत्म करने की साजिश हो रही है , तुम्हारे भारतीय संस्कार को क्षतविक्षत करने की साजिश हो रही है . 
 
तुम्हारे घर की नयी जनरेशन को इस साजिश से बचाने की जिम्मेदारी तुम्हारी है . तुम स्वयं बचो . तुम नयी जनरेशन को बचा लो .

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