वृत्ति संक्षेप में आहार द्रव्य , पेय द्रव्य की संख्या तय की जाती है . कम से कम द्रव्य लेना यह वृत्ति संक्षेप है .
तीन बातें हैं .
१ .
सुबह का नाश्ता , दोपहर का भोजन एवं संध्या का भोजन – तीनों समय का जो आहार ग्रहण होता है उसकी कुल द्रव्य संख्या सीमित रखनी चाहिए .
२ .
पीने के पानी की गिनती नहीं हो सकती लेकिन स्वाद के अलग अलग पेय जलों की गिनती हो सकती है . कितने पेय जल लेने हैं उसकी संख्या सीमित रखनी चाहिए .
३ .
संख्या निर्धारण से आत्म संयम की आदत बनती है . संख्या निर्धारण से खाने पीने के शौख पर अंकुश लगता है . यही लक्ष्य है जिसे याद रखना चाहिए .
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स्वाध्याय –
१ . वृत्ति संक्षेप किसे कहते है ?
२ . वृत्ति संक्षेप का प्रथम प्रकार क्यां है ?
३ . वृत्ति संक्षेप का द्वितीय प्रकार क्यां है ?
४ . वृत्ति संक्षेप का तृतीय प्रकार क्यां है ?
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