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जैन सिलेबस : दर्शन आचार . ७ : वात्सल्य

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वात्सल्य का अर्थ है आत्मीयता .
सभी धर्मात्माओं के प्रति आत्मीयता रखनी चाहिए .
तीन बातें हैं .

१ .
जो भी व्यक्ति धर्मप्रवृत्ति करता है उसको सम्मान देना चाहिए . धर्मात्मा को सम्मान देनेसे वात्सल्य भाव विकसित होता है .

२ .
जो भी व्यक्ति धर्मप्रवृत्ति करता है उसको सहयोग देना चाहिए . धर्मात्मा को सहयोग देनेसे वात्सल्य भाव विकसित होता है .

३ .
जो भी व्यक्ति धर्मप्रवृत्ति करता है उसको किसी भी रूप में हमारे द्वारा अंतराय या अड़चन न आए इसके लिए सावधानी बरतनी चाहिए . धर्मात्मा को अंतराय या अड़चन देने से वात्सल्य भाव खंडित होता है .

स्वाध्याय –
१ . वात्सल्य किसे कहते है ?
२ . वात्सल्य का प्रथम नियम क्यां है ?
३ . वात्सल्य का द्वितीय नियम क्यां है ?
४ . वात्सल्य का तृतीय नियम क्यां है ?

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