ज्ञान , महत्त्वपूर्ण विचार देता है .
ज्ञान , उपयोगी मार्गदर्शन देता है .
ज्ञान , आचार धर्म को दिखाता है .
ज्ञान , प्रभु के उपदेश को समझाता है .
ज्ञान , जीवन को सही रास्ते पर ले जाता है .
अत: ज्ञान के लिये तप करना जरूरी होता है .
ज्ञान के लिये तप करना उसे ही उपधान कहा जाता है .
तीन बातें याद रखनी चाहिए .
१ .
उपधान तप करने से धार्मिक ज्ञान उपार्जन का
विधिवत् अधिकार मिलता है . उपधान तीन होते हैं .
प्रथम उपधान ४८ दिन का होता है .
द्वितीय उपधान ३५ दिन का होता है .
तृतीय उपधान २८ दिन का होता है .
तीनों उपधान की आराधना करनी चाहिए .
२ .
ज्ञान पंचमी की तपस्या करनी चाहिए .
प्रत्येक मास की शुक्ल पंचमी के दिन उपवास
अथवा आंबेल अथवा एकासना करना चाहिए .
प्रत्येक मास की शुक्ल पंचमी के दिन
रात्रि भोजन का त्याग करना चाहिए .
३ .
जैसे दुकान पर वस्तुओं का मूल्य समझ कर
हम पैसा चुकाते हैं वैसे आत्म शुद्धि कारक ज्ञान को
सन्मान देने के लिए अलग से तप करते रहना चाहिए .
स्वाध्याय –
१. उपधान किसे कहते है ?
२. उपधान का प्रथम नियम क्यां है ?
३. उपधान का द्वितीय नियम क्यां है ?
४. उपधान का तृतीय नियम क्यां है ?
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