आप के पास १४ घंटे हैं .
आज आप इन्टरनेट और टीवी पर समय को बरबाद मत करना . परिवार जनों के साथ समय बिताने का मौका मिला है उसे गंवाना मत . परिवार के एक एक स्वजन में एक आत्मा है . उस आत्मा के साथ बात करना , उस आत्मा की चिंता करना , उस आत्मा के भविष्य की थोड़ी चर्चा करना .
आप के पास १४ घंटे हैं .
एक अच्छी किताब घर में पड़ी है . उसे खोलना और पढ़ना . कुछ नया पानेकी कोशिश करना . आप ने चालीस पचास पन्ने भी पढ़ लिए तो बहोत है . हो सकता है आप के घर में अधिक किताबे हो . आप सभी किताबों को नहीं पढ़ पाएंगे . पर दो पांच किताब हाथ में लेना और थोड़े थोड़े पन्ने पढ़ लेना . एक छोटी किताब मिलेगी . उसे पूरी पढ़ लेना .
आप के पास १४ घंटे हैं .
नॉट पेन लेकर बैठना . जो काम करने है और बाकी रह जाते है उसका पेपर वर्क कर लेना . रोज तो भागा दोड़ी रहती है . आज आराम से स्वयं का मैनेजमेंट सेट कर लो . कुछ गलती और गडबडी याद आएंगी . उसे सुधारने की ठान लो .
आप के पास १४ घंटे हैं .
कोइ एक मंत्र लो . उसकी २० , ४० , ६० , ८० या १०० माला फेर लो . मंत्र हिम्मत देते हैं . मन को आज इतना सात्त्विक बना लो कि आने वाले दिनों में जो भी चुनौती आनेवाली हैं उससे लडने की ताकत मिल जाए .
आप के पास १४ घंटे हैं .
घर में मंदिर है . पुरे परिवार के साथ प्रभु के समक्ष बैठना . प्रार्थना करना . भक्ति करना . प्रभु जो देते हैं वो अटूट , अखूट होता है . प्रभु के साथ बिता हुआ समय आपको निर्भय बनाता है .
आप के पास १४ घंटे हैं .
जो कोरोना की डरावनी परिस्थिति में भी उपचार एवं चिकित्सा कर रहे है उनको याद करना एवं उन्हें औचित्य की भूमिका से धन्यवाद देना . अगर ये चिकित्सक वर्ग हाथ ऊपर कर ले तो भारी अव्यवस्था हो जाए . पर सभी चिकित्सक अपने काम में डंटे रहे है . ये आसान नहीं है .
आप के पास १४ घंटे हैं .
खुद आपके भीतर एक आत्मा है . वो आत्मा परलोक से आई है और परलोक जानेवाली है . मैं आत्मा के लिए क्यां कर रहा हूँ और क्यां कर सकता हूँ , इस विषय पर चिंतन करना .
आप के पास १४ घंटे हैं .
प्रार्थना करना कि – सकल श्री संघ में एवं देश में किसी को कोइ दुःख न आए , रोग न हो , भय न फैले और अकाल मृत्यु जैसी घटना न बने . श्री शान्ति स्नात्र महापूजन में एक श्लोक गाया जाता है –
ओम् क्षेमं भवतु सुभिक्षं शस्यं निष्पद्यतां जयतु धर्म : ।
शाम्यन्तु सर्वरोगा ये केचिदुपद्रवा लोके ह्रीं स्वाहा ।।
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