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२१ दिवस में करोड़ों की संख्या में नवकार मंत्र का जाप हो सकता है

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कोरोना से बचने के लिए चारों तरफ से अलग अलग मंत्र आ रहे हैं . सब कहते है कि इस मंत्र का जाप कीजिये और रोग से बचिए . यह अभिगम श्रद्धावादी है . सभी मंत्र शिरोधार्य है . मंत्र का प्रभाव सर्वथा स्वीकार्य है . वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचना भी जरूरी है . सरकार जो भी नीति नियम बना रही है उसके पीछे वैज्ञानिक दृष्टिकोण है अतः एक भी सरकारी सूचना की उपेक्षा न करें . प्रचार माध्यमों पर मंत्र आदि की बात इस तरह न करें कि लोग हमारी मज़ाक उड़ाने लगें .

महामंत्र नवकार , सभी पापों का नाशक है एवं सभी मंत्रों में शिरोमणि है . अन्य अन्य मंत्रों के कारण महामंत्र नवकार की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए . आज से २१ दिन का लोक डाउन है उसमें नवकार मंत्र का जाप विशेष रूप से हो सकता है . अखंड २१ दिन तक रोज की एक माला गिनने से मंत्र का एक विशेष प्रभाव जागृत होता है . आप के पास टाइम ही टाइम है . थोड़ा टाइम नवकार मंत्र को जरूर से दीजिये . वर्तमान परिस्थिति के उपलक्ष में सात्त्विकता संवर्धन हेतु , प्रतिदिन महामंत्र नवकार की एक माला हम सब जरूर से गिनेंगे . श्वेतांबर मंदिरमार्गी,  दिगंबर , स्थानकवासी एवं तेरापंथी आदि सब मिलकर महामंत्र नवकार की अलख जगा सकते हैं .

थोड़ा सा हिसाबकिताब किया है . केल्क्युलेटर से गिनती की गयी है फिर भी गलती हो तो क्षमा .

अगर आप रोज की एक माला गिनते हो तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या हो जाएगी २२६८ . परिवार के दो सभ्य रोज की एक माला गिनते हैं तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या हो जाएगी ४५३६ . परिवार के तीन सभ्य रोज की एक माला गिनते हैं तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या हो जाएगी ६८०४ . परिवार के चार सभ्य रोज की एक माला गिनते हैं तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या हो जाएगी ९०७२ . परिवार के पांच सभ्य रोज की एक माला गिनते हैं तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या हो जाएगी ११३४० . एक परिवार के छह सभ्य रोज की एक माला गिनते हैं  तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या हो जाएगी १३६०८ . आप गिनती आगे बढ़ा सकते हैं .

अब संघ की बात करें तो एक संघ में १०० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी २,२६,८०० . एक संघ में २०० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी ४,५३,६०० . एक संघ में ३०० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी ६,८०,४०० . एक संघ में ४०० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी ९,०७०२० . एक संघ में ५०० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी ११,३४००० . एक संघ में १००० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी २२,६८००० . एक संघ में २००० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी ४५,३६००० . एक संघ में ३००० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी ६८,०४००० . एक संघ में ४००० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी ९०,७२००० . एक संघ में ५००० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी १,१३,४०,००० .

बड़े पैमाने पर देखे तो अगर १०,००० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी २,२६,८०,००० . अगर २०,००० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी ४,५३,६०,००० . अगर ३०,००० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी ६८,०४०,००० . अगर ४० ,००० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी ९,० ७,२०,००० . अगर ५० ,००० व्यक्ति रोज की एक माला गिने तो २१ दिन में मंत्रजाप की संख्या होगी ११,३४,००००० .

हम व्यक्ति गत रूप से जितने भी नवकार मंत्र गिने कम है . सामूहिक तौर पर हम ५०,००० जैनियों को प्रतिदिन  नवकार मंत्र की एक माला के लिए प्रेरित कर सकते हैं . काम सरल है . सभी संघों में इसकी सूचना पहुंचाए एवं संघ के अग्रणी अपने अपने संघों के घरों में सूचना पहुंचाए . सभी घर में एक एक सभ्य अवश्य एक एक माला गिनें .  केवल एकसौ संघ भी जुड़ गएं तो बड़ा जाप हो जाएगा . जितने अधिक लोग जुडेंगे उतना जाप बढता जाएगा .

हम कोइ बड़ा आंकड़ा या रिकॉर्ड की बात नहीं कर रहे हैं . हम सामूहिक साधना की बात कर रहे हैं . जब सामूहिक पापोदय होता है तभी सामूहिक आपदा आती है . ऐसे समय में शुद्ध एवं निःस्वार्थ आशय से महामंत्र नवकार का जाप करने से सामूहिक पुण्य एवं शुद्धि का निर्माण होता है .

नवकार की एक ही माला गिनने बात की है क्योंकि एक माला , शांति से एवं शुद्ध उच्चारण से गिने तो अंदाजन बीस से अधिक मिनट  लग सकती है . माला शांति से , एक एक अक्षर  की शुद्धि के साथ गिननी चाहिए .  शुद्ध उच्चार के साथ किया गया अल्प मंत्रजाप भी महाफलदायी होता है . अशुद्ध उच्चार के साथ किया गया अधिक मंत्र जाप भी विफल जैसा होता है .

आप का कोइ अभीष्ट मंत्र हो उसका भी इक्कीस दिन में अधिक से अधिक जाप कर लें . ऐसे फुर्सद के दिन दोबारा मिलनेवाले नहीं है . २१ दिन के बाद हम फिर से दुनियादारी में व्यस्त हो जानेवाले हैं . आज कुदरत ने मौका दिया है . अधिक से अधिक जाप कर लो एवं अधिक से अधिक लोगों को जाप में जोड़ लो .

घर बैठे कीजिए समूह जाप  .

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