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जैन सिलेबस : दर्शन आचार . ८ : प्रभावना

20180718_092844प्रभावना का अर्थ है अन्य को प्रभावित करना .
प्रभावना का अर्थ है अन्य को आकर्षित करना .
जिसे जैन धर्म मिला नहीं है उसे जैन धर्म के लिए आदर हो ऐसी प्रवृत्ति करने से प्रभावना होती है .
इसे शासन प्रभावना अथवा तीर्थ प्रभावना भी कहते है .
तीन काम याद रखें .

१ .
शोभायात्रा , स्वागतयात्रा , रथयात्रा आदि आडंबर के द्वारा अन्य धर्मिओं के मन में जैन धर्म के प्रति अहोभाव जागृत करना चाहिए .

२ .
गरीबों की अनुकंपा , पशु – पंखीओ की जीवदया जैसी करुणा प्रधान प्रवृत्तिओं के द्वारा दीन दुखी जनों के मन में जैन धर्म के प्रति अहोभाव जागृत करना चाहिए .

३ .
जैन धर्म की विशिष्ट प्रतिभाओं को , विशिष्ट शक्तिओं को जनता के समक्ष इसप्रकार प्रस्तुत करें कि अन्य धर्म के बुद्धिशाली लोगों के मन में जैन धर्म के प्रति अहोभाव जागृत हो जाए .

स्वाध्याय –
१ . प्रभावना का अर्थ क्यां होता है ?
२ . प्रभावना की प्रथम प्रवृत्ति क्यां होती है ?
३ . प्रभावना की द्वितीय प्रवृत्ति क्यां होती है ?
४ . प्रभावना की तृतीय प्रवृत्ति क्यां होती है ?

 

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